Darood e Tu Najjina- दुरूदे तु नज्जीना – हर मुश्किल का हल
किताब “मनाहिजुल मुहसिनात” शरह दलाइलुल खैरात में लिखा है ! कि इब्ने मुनीर ने अपनी किताब “फज़्रे मुनीरु” में जिक्र किया है ! कि एक बुजुर्ग शेख स्वालेह मूसा नाबीना (नेत्रहीन) थे !
उन्होंने अपनी आपबीती मुझ से बयान की ! कि एक मर्तबा एक जहाज़ डूबने लगा ! मै उसमें सवार था ! इतने में मुझे ऊंघ सी मालूम हुयी !
उसी हालत में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुझ को यह दुरूद बताया कि इसको जहाज़ पर सवार लोग हजार मर्तबा पढे !
अभी तीन सौ मर्तबा तक नहीं पढा था ! कि जहाज डूबने से बच गया ! और समुद्र के तट पर पहुँच गया ! वह दुरूदे नजात यह है :
Darood e Tu Najjina In Hindi
दुरूदे तु नज्जीना |
अल्लाहुम्म सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिन् सलातन् तु नज्जीना बिहा मिन् जमीअिल अहवालि वल आफाति व-तक़जी लना बिहा जमीअल हाजाति वतु तहिहरुना बिहा मिन् जमीअिस्सय्यिआति वतरफअुना बिहा अिन्दक आलद्द र जाति वतु-बल्लिगुना बिहा अक़सल ग़ायाति मिन् जमीअिल खेराति फिल हयाति वबा-दल ममाति इन्नक अला कुल्लि शेइन् क़दीऱ |
Darood-e-tu-najjina |
Allahumma Salli Alaa Sayyidina Muhammdin Salaatan Tu Najjina Biha Min Jamieel Ahwaali Val Aafati v-Taqzi Lanaa Biha Jamieel Hazati V Tu Tahhiruna Biha Min Jamieessayyiaati Vatar Fauna Biha Inda-k Aaladdar Zaati V-tu Balliguna Biha Aqsal Ghayati Min Jamieel Khairati Fil Hayaati Vabaa Dal Mamaati Innak Alaa Qulli Shaieen Qadeer. |