Darood e Taj in Hindi (दरूद ए ताज पढ़ने के फायदे और तर्जुमा)

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Darood e Taj in hindi दुआ-ए-ताज के फ़जाइल – 

इस दरूद शरीफ़ की बेशुमार ख़ासियत हैं ! जिनको इस मुख्तसर पोस्ट में बयान करना निहायत मुश्किल है ! लेकिन फिर भी चन्द ख़ासियत बयान की जाती हैं !

इस दुरूद ( Darood e Taj ) की सबसे ख़ास बात यह है ! कि जो शख़्स नबी करीम सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम की जियारत की तमन्ना रख़ता हो ! उसे चाहिये कि चढते चाँद की जुमा की रात को ईशा की नमाज़ पढने के बाद ! वूजू करके क़िब्ला की तरफ मुँह करके, पाक कपडा पहन कर ! खुशबू लगाकर एक सौ सत्तर बार इस दुरूह शरीफ को पढकर सों जाए ! ग्यारह रातें इसी तरह पढे तो अल्लाह ने चाहा तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलेहि वसल्लम की जरूर जियारत होगी !

ये ( Darood e Taj ) दिल की सफाई के लिऐ हर रोज़ फ़ज की नमाज़ के बाद ! सात मर्तबा और अस्र की नमाज़ के बाद तीन मर्तबा और ईशा की नमाज़ के बाद तीन मर्तबा पढे ।

जादू आसेब, जिन्न, शयातीन, वबा, चेचक, फसाद ओर इनके अलावा बहुत सारी बीमारियों में ग्यारह मर्तबा ( Darood e Taj ) पढकर दम करे

रोजी में कुशादगीं के लिये सात मर्तबा सुबह की नमाज़ के बाद हमेशा वजीफा रखे।

बाझ महिला के लिये 21 ख़जूरों पर सात-सात मर्तबा दम करे ! और हर दिन एक ख़जूर उस को खिलाये ! फिर जब माहवारी से पाक-साफ़ हो तो उससे सोहबत (संभोग) करें ! अल्लाह के फ़ज़्ल से नेक और स्वालेह लडका पैदा होगा !

गर्भवती औरत (महिला) को बच्चा के गिर जाने का डर हो तो ! सात दिन तक सात मर्तबा ( Darood e Taj ) पढकर बराबर पानी पर दम करें और पिलाये !

Darood e Taj In Hindi

Darood e Taj In Arabic
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ سَيِّدِنَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدٍ ❁ صَاحِبِ التَّاجِ وَالْمِعْرَاجِ وَالْبُرَاقِ وَالْعَلَمِ ❁ دَافِعِ الْبَلآءِ وَالْوَبَآءِ وَالْقَحْطِ وَالْمَرَضِ وَالْأَلَمِ ❁ اِسْمُهُ مَكْتُوبٌ مَرْفُوعٌ مَشْفُوعٌ مَنْقُوشٌ فِي اللَّوْحِ وَالْقَلَمِ ❁ سَيِّدِ الْعَرَبِ وَالْعَجَمِ ❁ جِسْمُهُ مُقَدَّسٌ مُعَطَّرٌ مُطَهَّرٌ مُنَوَّرٌ فِي الْبَيْتِ وَالْحَرَمِ ❁ شَمْسِ الضُّحَى ❁ بَدْرِ الدُّجَى ❁ صَدْرِ الْعُلَى ❁ نُورِ الْهُدَى ❁ كَهْفِ الْوَرَى ❁ مِصْبَاحِ الظُّلَمِ ❁ جَمِيلِ الشِّيَمِ ❁ شَفِيعِ الْأُمَمِ ❁ صَاحِبِ الْجُودِ وَالْكَرَمِ ❁ وَاللهُ عَاصِمُهُ ❁ وَجِبْرِيلُ خَادِمُهُ ❁ وَالْبُرَاقُ مَرْكَبُهُ ❁ وَالْمِعْرَاجُ سَفَرُهُ ❁ وَسِدْرَتُ الْمُنْتَهَى مَقَامُهُ ❁ وَقَابَ قَوْسَيْنِ مَطْلُوبُهُ ❁ وَالْمَطْلُوبُ مَقْصُودُهُ ❁ وَالْمَقْصُودُ مَوْجُودُهُ ❁ سَيِّدِ الْمُرْسَلِينَ ❁ خَاتِمِ النَّبِيِّينَ ❁ شَفِيعِ الْمُذْنِبِينَ ❁ أَنِيسِ الْغَرِيبِينَ ❁ رَحْمَةٍ لِلْعَالَمِينَ ❁ رَاحَةِ الْعَاشِقِينَ ❁ مُرَادِ الْمُشْتَاقِينَ ❁ شَمْسِ الْعَارِفِينَ ❁ سِرَاجِ السَّالِكِينَ ❁ مِصْبَاحِ الْمُقَرَّبِينَ ❁ مُحِبِّ الْفُقَرَاءِ وَالْغُرَبَاءِ وَالْمَسَاكِينِ ❁ سَيِّدِ الثَّقَلَيْنِ ❁ نَبِيِّ الْحَرَمَيْنِ ❁ إِمَامِ الْقِبْلَتَيْنِ ❁ وَسِيلَتِنَا فِي الدَّارَيْنِ ❁ صَاحِبِ قَابَ قَوْسَيْنِ ❁ مَحْبُوبِ رَبِّ الْمَشْرِقَيْنِ وَالْمَغْرِبَيْنِ ❁ جَدِّ الْحَسَنِ وَالْحُسَيْنِ ❁ مَوْلَانَا وَمَوْلَى الثَّقَلَيْنِ ❁ أَبِي الْقَاسِمِ مُحَمَّدِ بْنِ عَبْدِ اللهِ ❁ نُورٍ مِنْ نُورِ اللهِ ❁ يَا أَيُّهَا الْمُشْتَاقُونَ بِنُورِ جَمَالِهِ ❁ صَلّوُا عَلَيْهِ وَآلِهِ وَأَصْحَابِهِ وَسَلِّمُوا تَسْلِيمًا

 

दुरूद ताज हिंदी में

दरूद ए ताज
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम्
अल्लाहूम्म सल्लि अला सय्यिदिना वमौलाना मु-हम्मदिन् साहिबित्ताजि वल् मेअरजि वल् बुराकि वल् अ-लम् 0 दाफिइल् बलाई वल् वबाइ वल कहति वल् मरजि वल अ-लम् 0
इसमुहू मक़तूबुन् मरफ़ूऊन् मशफूऊन् मन्कूशुन् फिल्लौहि वल् क-लम् 0 सय्यिदिल् अ-रबि वल् अ-जम् 0 जिसमुहू मु- कद्दसुन् अत्तरुन मु-तह्हरुन मु -नव्वरुन फ़िल् बैति वल् ह-रम् 0
शम्सिज़्ज़ुहा बदरिद्दुजा  सदरिल् उला नूरिल् हुदा कहफिल् वरा मिसबाहिज़्ज़ु-लम् 0  जमीलिश्शि-यम् शफीअिल् उ-मम् 0 साहिबिल् जूदि वल्-करम् 0
वल्लाहु आसिमुहू 0 वजिब्रीलु खादिमुह 0 वलबुराकु मऱकबुह 0 वल् मेअराजु स-फरुहू वसिद-रतुल् मुन् तहा मक़ामुहू 0 वका-ब क़ोसैनि मतलुबुह 0 वल् मतलुबु मक़सूदुहू वल्-मक़सूदु मोज़ुदुह् 0
सय्यिदिल् मुर-सलीन् 0 ख़ातिमिन्नबिय्यी-न शफीअिल् मुज़निबीन् 0 अनीसिल् ग़रीबीन रह-म-तल्लिल् आ-लमीन् 0 रा-हतिल् आशिकीन् 0 मुरादिल् मुशूताक़ीन् 0 शम्सिल् आरिफ़िन 0 सिराजिस्सालिक़ीन 0
मिस्बाहिल् मु-क़र्रबीन् 0 मुहिब्बिल् फु-कराइ वल्-मसाक़ीन् 0 सय्यिदिस्सक़लैनि नबिय्यिल् ह-रमैन् 0 इमामिल् किब-लतैन 0 वसीलतिना फिद्दारैन् 0 साहिबि का-ब कौसेन् 0 मह्रबूबि रब्बिल् मशरिकैनि वल् मग़रिबैनि 0 जद्दिल् ह-सनि वल्हुसैन् 0 मौलाना वमौ-लस्स-क़लैन् 0
अबिल क़ासिमि मुहम्म दिब्नि  अब्दिल्लाहि  0 नूरिम्मिन् नूरिल्लाहि 0 या अय्यु -हल् मुशताकू-न बिनूरि जमालिही सल्लू अलैहि वआलिही व अस्हाबिही व-सल्लिमू  तसलीमा 0
*बलग़ल उला बे कमालेही
*कशफद्दुजा बे जमालेही
*हसनत जमिऊ खिसालेही
*सल्लु अलैही व आलेही*
( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम )

 

darood taj दुरूदे ताज़ और उसका तर्जुमा ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम )

बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
अल्लाह के नाम से शुरू जो निहायत मेहरबान रहम वाला है

अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्यिदिना व मौलाना मोहम्मदीन*
या ईलाही हमारे आक़ा व मौला मोहम्मद ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) पर रहमत नाज़िल फ़रमा ।

साहिबित्त ताज़े वल मेराजे वल बुर्राके वल अलम*
जो साहिबे ताज़ और मेराज़ और बुर्राक वाले और झंडे वाले है

दाफेईल बलायें वल वबाई वल कहति वल मर्ज़ी वल अलम*
जिनके वसीले से बला वबा और क़हत (सुखा) मर्ज़ और दुख दूर होता है

इस्मोहु मक़तूबुम मरफ़ूउम मशफ़ुउम मनकुसुन फ़ील लव्ही वल क़लम*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का नाम नामी लिखा गया, बुलंद किया गया, क़बूले शफ़ाअत किया गया,
और लोह व क़लम में गुदा हुवा है

सय्यिदिल अरबी वल अज़म*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) अरब व अज़म के सरदार है

जिस्मोहु मुक़द्दसुन मुअत्तरुन मुतहहरुन मुनव्वरुन फ़ील बैति वल हरम*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का जिस्म निहायत मुक़द्दस ख़ुशबूदार पाकीज़ा और खाना क़ाबा व हरम पाक़ में मुनव्वर है

शमशुद्दुहा बदरुददुजा सदरिलउला नूरीलहुदा कहफ़िलवरा मिस्बाहिज़ ज़ुलम*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) चास्तगाह के आफ़ताब, अँधेरी रात के माहताब, बुलन्दियों के सदर नसीन, राहे हिदायत के नूर, मख़लूक़ात के जाहपनाह, अँधेरो के चराग़

जमिलिस्सीयम शफ़ीईल उमम सहिबिल जुदी वल करम*
नैक इतवार के मालिक़, उम्मतियों के बख़्शवाने वाले, बख़्शिश व करम से मोसूफ़ है

वल्लाहु आसिमोहु जिब्रीलो खादिमुह वल बुर्राको मर्कबुहु वल मेराजो सफ़रोहु व सिदरातुल मुंतहा मकामोहु*
अल्लाह तआला आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का निगहबान, जिब्रील आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) के ख़िदमत गुज़ार, बुर्राक़ आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) की सवारी, और मेराज़ आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का सफर, और सिदरतुल मुंतहा आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का मक़ाम

व क़ाबा क़व्सैनी मतलूबुह वल मतलुबुह मक़सुदुह वल मक़सुदुह मोजूदुह*
और (क़रीबे ख़ुदावन्दी में) क़ाबा कौसेन का मरतबा, आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) मतलूब है, और मतलूब ही आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) का मक़सूद है, और मक़सूद आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) को हासिल है

सय्यिदिल मुरसलीन ख़ातिमिन नबीय्यीन शफ़ीईल मुज़नबीन अनिसिल ग़रीबिन*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) रसूलों के सरदार है, नाबियों में सबसे आखिर, गुनाहगारों को बख़्शवाने वाले, मुसाफिरों के ग़मख़्वार

रहमतूल्लील आलमीन राहतिल आशेक़ीन मुरादिल मुश्ताक़ीन शमशील आरिफ़िन*
दुनियाँ जहान के लिये रहमत, आशिक़ों की राहत, मुश्ताक़ों की मुराद, ख़ुदा बशनासो के आफ़ताब

सिराजिस सालिकीन मिस्बाहिल मुक़र्रबीन मोहिब्बुल फुक़राए वल गुरबाए वल मसाक़ीन*
राहे ख़ुदा पर चलने वालों के चराग़, मुक़रीबो के रहनुमा, मोहताजों, गरिबों और मिस्कीनों से मोहब्बत रखने वाले

सय्यिदिस शक़लैन नबिय्यील हरमैन इमामिल किब्लतैन*
जिन्नात और इंसान के सरदार, हरम शरीफ़ के नबी, दोनों कबीलों (बैतूल मुक़द्दस व क़ाबा) के पेशवा

वसिलतना फिद्दारैन साहिबे क़ाबा कौसेन*
और दुनियाँ व आख़िरत में हमारा वसीला है, वह मरतबा जो क़ाबा कौसेन पर फ़ाइज़ है

*महबूबे रब्बुल मशरीकैन व मग़रिबैन*
दो मशरीक़ो और दो मग़रीबों के रब के मेहबूब है

जद्दील हसनी वल हुसैन मौलाना व मौलस शकलैन*
हज़रत इमाम हसन व हुसैन रदिअल्लाहु अन्हु के जद्दे अमज़द, और तमाम रूह के आक़ा है ।

अबिल क़ासिमि मोहम्मद ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) इब्ने अब्दुल्लाह नूरुममिन नूरिल्लाह*
अबुल क़ासिम मोहम्मद ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) बिन अब्दुल्लाह रदिअल्लाहु अन्हु, जो अल्लाह तआला के नूर में से एक नूर है

या आय्योहल मुश्ताक़ुन बिनुरी जमालेही*
ऐसे नूरे मोहम्मद ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) के मुश्ताक़ों..!

सल्लु अलैही व आलेही व अस्हाबेहि व सल्लीमो तस्लीमा*
आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) पर और आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) की आल पर और आप ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ) के अस्हाब पर दुरूद व सलाम भेजो जो भेजने का हक़ है ।

Darood e Taj In English

Darood e Taj 
Allāhumma ṣalli ʿalā Sayyidinā wa Mawlānā Muḥammad(in), ṣāḥibi t-tāji wa-l-Miʿrāji wa-l-Burāqi wa-l-ʿalam(i), dāfiʿi l-balā’i wa-l-wabā’i wa-l-qaḥṭi wa-l-maraḍi wa-l-alam(i), ismuhu maktūbun marfūʿun mashfūʿun manqūshun fi-l-lawḥi wa-l-qalam(i), sayyidi l-ʿarabi wa-l-ʿajam(i), jismuhu muqaddasun muʿaṭṭarun muṭahharun munawwarun fi-l-bayti wa-l-ḥaram(i), shamsi ḍ-ḍuḥā badri d-dujā ṣadri l-ʿulā, nūri l-hudā, kahfi l-warā miṣbāḥi ẓ-ẓulam(i), jamīli sh-shiyam(i), shafīʿi l-umam(i), ṣāḥibi l-jūdi wa-l-karam(i), wa Llāhu ʿāṣimuhu, wa Jibrīlu khādimuhu, wa-l-Burāqu markabuhu, wa-l-Miʿrāju safaruhu, wa Sidratu l-Muntahā maqāmuhu, wa qāba qawsayni maṭlūbuhu, wa-l-maṭlūbu maqṣūduhu wa-l-maqṣūdu mawjūduh(u), sayyidi l-mursalīn(a), khātimi n-nabiyyīn(a), shafīʿi l-mudhnibīn(a), anīsi l-gharībīn(a), raḥmatin li-l-ʿālamīn(a), raḥati l-ʿāshiqīn(a), murādi l-mushtāqīn(a), shamsi l-ʿārifīn(a), sirāji s-sālikīn(a), miṣbāḥi l-muqarrabīn(a), muḥibbi l-fuqarā’i wa-l-ghurabā’i wa-l-masākīn(i), sayyidi th-thaqalayn(i), nabiyyi l-ḥaramayn(i), imāmi l-qiblatayn(i), wasīlatinā fi-d-dārayn(i), ṣāḥibi qāba qawsayn(i), maḥbūbi rabbi l-mashriqayni wa-l-maghribayn(i), jaddi l-Ḥasani wa-l-Ḥusayn, mawlānā wa mawlā th-thaqalayn(i), abi l-Qāsimi Muḥammadi bni ʿAbdi Llāh(i), nūrin min nūri Llāh(i), yā ayyuha l-mushtāqūna bi-nūri jamālihi, ṣallu ʿalayhi wa ālihi wa-aṣḥābihi wa sallimū taslīma.

 

Darood e Taj In English Translate

O Allah, send prayers upon our master and patron Muhammad, the possessor of the crown, the Mi’raj, the Buraq and the flag, the repeller of hardships, epidemics, droughts, diseases and pain. His name is written, exalted, combined and engraved upon the tablet and pen. The master of both Arabs and non-Arabs, whose body is sanctified, fragrant, pure and illuminated in the House and the Sanctuary.

He is the bright sun, the full moon of the dark night, the foremost in loftiness, the light of guidance, the cave of refuge for mankind, the lantern in darkness. He is of beautiful character, the intercessor for nations, the possessor of graciousness and generosity.

Allah is his protector, Gabriel his servant, the Buraq his mount, the Mi’raj his voyage, the Lote Tree of the Uppermost Limit his station, two bows’ length or nearer the object of his quest; that which is sought is that which he desires and that which he desires is that which he finds.

He is the master of the Messengers, the Seal of the Prophets, the intercessor of sinners, the comforter of strangers, the mercy for the worlds, the delight of divine lovers, the object of yearning, the sun of the gnostics, the lamp for travellers upon the path to Allah, the lantern of those brought near, the lover of the poor, the strangers and the destitute.

The master of the two weighty things (humans and Jinn), the Prophet of the two sanctuaries, the Imam of the two Qiblas, our means of salvation in both abodes, the one at two bows length, the beloved of the Lord of the two Easts and the two Wests, the grandfather of Imam Hasan and Imam Husayn, our protector and the protector of the two worlds, the Father of Qasim, Muhammad, the son of Abdullah, a light from the light of Allah.

O you who yearns for the light of his beauty, invoke abundant blessings and peace upon him, his family and Companions.

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