Darood e Lakhi – नक्ल है कि सुल्तान हज़रत महमूद गज़नवी (रहमतुल्लाह अलैहि ) का ये माअमूल था कि हर रोज़ बतौर वज़ीफ़ा साफ़ निय्यत और मोहब्बत से 1 लाख बार ये दुरुद शरीफ़ (Darood e Lakhi) पढ़ते थे ! और उसका सवाब प्यारे नबी हुजूर सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम की नज़र करते थे |
चूँकि इस क़दर दुरुद (Darood e Lakhi ) पढ़ने से तमाम दिन गुज़र जाता था ! और सल्तनत के मामलात के लिये कोई वक़्त ही नहीं बचता था ! इस वजह से सल्तनत के इन्तिज़ाम में दिक्कत पेश आने लगी |
एक रात आपने ख़्वाब में हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम की जियारत की और इर्शाद फ़रमाया ! कि महमूद इस दुरुद शरीफ़ (Darood e Lakhi) को हर रोज़ बाअद नमाज़े फज्र के एक मर्तबा पढ़ा कर ! तो लाख दुरुद का सवाब मिलेगा और उसकी बरकत से मेरी मोहब्बत में कामिल होगा ! और जिस क़दर एक से ज्यादा पढ़ता जायेगा उसी क़दर लाखों तक सवाब पायेगा !
बस सुल्तान महमूद ने आप हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम की हिदायत व इर्शाद के मुताबिक हर रोज़ इस दुरुद शरीफ़ (Darood e Lakkhi) को पढ़ना शुरू किया ! और हर शख्स को यह खुशख़बरी सुनाई ! इस दरूद शरीफ (Darood e Lakhi) को 1 बार पढ़ने से ही लाख का सवाब मिल जाएगा ! और इस तरह इस दरूद शरीफ़ का नाम दरूद ए लक्खी (Darood e Lakhi) हो गया !
Darood e Lakhi in Hindi
दरूद ए लक्खी |
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम |
अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे ख़लक़िल्लाहे अल्ला हम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे – कलेमातिल्लाहे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे करमिल्लाहे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना • मुहम्मदिम बे अ-द-दे क़तरातिल अमतारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिंव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे अवराक़िल अशजारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे रमलिल क़िफ़ारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे मा खुलि-क़ फ़िल बिहारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दिल हुबूबे वस्सिमारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दिल लैले वनहारे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे मा अज़ल-म अलै-हिल लैलो व अशर-क अलैहिनहारो अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे मन सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे मल्लम युसल्ली अलैहे अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिंव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे अनफ़ासिल ख़लाइने अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिंव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे नजमिस्समावाते अल्ला हुम-म सल्ले व सल्लिम अला सैयेदेना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आले सैयेदेना मुहम्मदिम बे अ-द-दे कुल्लेशैइन फ़िद-दुन्या वल आख़िरते स-लवातुल्लाहे तआला व मलॉएकतेहि व अंबियॉएही व रुसोलिहि व जमिईल ख़लाइके अला व या अक्रमल अक्रमीन सल्लल्लाहो अला सैयेदेना मुहम्मदिव व अला आलेहि व असहाबिही अजमई-न व सल्लम तस्लीमन दाइमन अ-ब-दन कसीरंव वल हम्दो लिल्लाहे रब्बिल आ-लमीन |