15 Shaban Ki Namaz Ka Tarika (शबे बरात की नमाज़)

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15 shaban ki namaz
15 shaban ki namaz ka tarika

15 Shaban Ki Namaz ;- अस्सलामो अलैकुम दोस्तों, हर साल की तरह इस साल भी शबे बरात की दिल से मुबारकबाद। शबे बरात बहुत ही खास और बरकतों वाली रात है। इस रात को खूब इबादत की जाती है, और यही वो रात है जब हमारा हिसाब-किताब लिखा जाता है।

हम मुसलमान बहुत खुशनसीब हैं कि हमें ये बरकतों और रहमतों से भरी रात नसीब हुई है। लेकिन अफसोस की बात है कि बहुत से हमारे मुस्लिम भाई इस रात की अहमियत को समझते ही नहीं !

आईये जानते है शबे बारात में (15 SHaban Ki Namaz) हमें कौन कौन सी नमाज़ पढ़नी है ? नमाज़ में कितनी रकाअत पढ़नी है ? और हर नमाज़ में क्या क्या पढ़ना है ? और नियत क्या करनी है ?

शबे बरात की रात में हमें ये इबादत करनी है 

15 Shaban Ki Namaz Ka Tarika

  1. मग़रिब की नमाज़ के बाद 6 रकअत नफ़्ल (2×2 की नियत से):
    • पहली 2 रकअत शुरू करने से पहले यह दुआ करें:
      “या अल्लाह, इन दो रकअतों की बरकत से मेरी उम्र में बरकत अता फरमा।”
    • दूसरी 2 रकअत शुरू करने से पहले यह दुआ करें:
      “या अल्लाह, इन दो रकअतों की बरकत से बलाओं से मेरी हिफाजत फरमा।”
    • तीसरी 2 रकअत शुरू करने से पहले यह दुआ करें:
      “या अल्लाह, इन दो रकअतों की बरकत से मुझे सिर्फ तेरा मोहताज रख और गैरों की मोहताजी से बचा।”
    • ये नमाज़ दूसरी नफ़्ल नमाज़ जैसी ही पढ़नी है।
  2. नमाज़ के बाद की तिलावत:
    • हर 2 रकअत नमाज़ के बाद 21 बार सूरह इखलास (कुल हुवल्लाहु शरीफ) पढ़ें।
    • इसके बाद 1 बार सूरह यासीन की तिलावत करें।
    • अगर दो लोग एक साथ नमाज़ पढ़ रहे हों, तो सूरह यासीन में एक व्यक्ति बुलंद आवाज में तिलावत करे, और दूसरा खामोशी से सुने।
  3. ईशा की नमाज़ से पहले ग़ुस्ल:
    • अगर समय हो, तो बेरी के पत्ते पानी में डालकर ग़ुस्ल करें।
    • समय न मिलने पर ईशा की नमाज़ के बाद ग़ुस्ल कर लें।
    • ग़ुस्ल के बाद 2 रकअत नफ़्ल तहय्यतुल वज़ू की नमाज़ अदा करें।
      • हर रकअत में सूरह फातिहा के बाद:
        • आयतुल कुर्सी 1 बार।
        • सूरह इखलास (कुल हुवल्लाहु शरीफ) 3 बार।

नोट:

  • अगर किसी कारण ग़ुस्ल न कर पाएं, तो नमाज़ अदा करें। लेकिन कोशिश करें कि ग़ुस्ल कर लें।
  • शबे बरात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें, क्योंकि ये रात रहमतों और बरकतों से भरी हुई है।

शबे बरात की नमाज़ का आसान तरीका

  1. बारह रकअत नफ़्ल (4×4 की नियत से):
    • सबसे पहले चार रकअत नमाज़ अदा करें।
    • हर रकअत में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास (कुल हुवल्लाहु शरीफ़) 10 बार पढ़ें।
    • दो रकअत पूरी होने के बाद तीसरी रकअत के लिए खड़े हों और सना से शुरू करें।
    • बाकी दो रकअत उसी तरह अदा करें।
    • इसी प्रक्रिया को दोहराते हुए कुल 12 रकअत नमाज़ पूरी करें।

    नोट: हर रकअत में सूरह फातिहा के बाद 10 बार सूरह इखलास पढ़नी है।
    नमाज़ पूरी होने के बाद:

    • तीसरा कलिमा 10 बार
    • चौथा कलिमा 10 बार
    • दुरूद शरीफ 100 बार पढ़ें।
  2. आठ रकअत नमाज़ (4×4 की नियत से):
    • हर रकअत में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 25 बार पढ़ें।
    • दो रकअत पूरी करने के बाद तीसरी रकअत के लिए खड़े हों और सना से शुरू करें।
    • इसी तरह बची हुई रकअत अदा करें।
    • इसके बाद दुआए निस्फ़ शाबान पढ़ें।
  3. सौ रकअत नफ़्ल (दो-दो रकअत करके):
    • हर रकअत में सूरह फातिहा के बाद जो सूरत याद हो, वह पढ़ें।
    • इसकी बहुत बड़ी फज़ीलत है।
    • हदीस में आता है कि जो शख्स इस रात में 100 रकअत नफ्ल अदा करेगा, उसके लिए अल्लाह तआला 100 फरिश्तों को मुक़र्रर करेगा:
      • 30 फरिश्ते जन्नत की खुशखबरी देंगे।
      • 30 फरिश्ते जहन्नम से निजात की बशारत देंगे।
      • 30 फरिश्ते बला और आफत से बचाएंगे।
      • 10 फरिश्ते उसे शैतान के फितनों से महफूज रखेंगे।

शबे बरात की अहमियत:
मोबाइल और टीवी तो रोज़ चलाते हैं, लेकिन इस खास रात को इबादत में गुजारें। इससे दिल को सुकून मिलेगा और अल्लाह की रहमत से आपके गुनाह माफ होंगे।

15 Shaban Ki Dua – दुआए निस्फ़ शाबान

बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम 

अलाहुम्मा या जल मन्नि  वला यमुत्रु अलैहि 0  या जलजलालि वल इकराम 0 

या जत्तोलि वल इनआम 0 ला इलाहा इला अन्ता ज़हरल्लाजीन 0  

वजारल मुस्तजिरीन व अमानल खाइफीन 0 

अल्लाहुम्मा इन कुन्ता कतब तनी इन्दका फी उम्मिल किताबि शकीय्यन 

औ महरूमन ओं मतरुदन औ मुक़त्तरन अलय्या फिरिज्क़ 0 

फ़म्हु अल्लाहुम्मा बि फ़दलिका शकावती व हिरमानी व तर्दी वक तितारि रिज़्क़ी 0 

व सबितनी इन्दका फी उम्मिल किताबि सईदम मरजूकम मुवफ्फक़ल लिलखैरात 0 

फ इन्नका कुल्ता व कौलुकल हक़्क़  फी क़िताबिकल मुन्जल 0 

अला लिसानि नबीय्यिकल मुरसल 0 यम्हुल्लाहु मा यशाउ वयूस्बितु व इन्दहू उम्मुल किताब 0 

इलाही बीतजल्लि यिल अअज़म 0 

फी लैलतिन्निस्फे मिन शहरि शअबानुल मुक़र्रमल्लती  युफ़ रकु फीहा कुल्लु  अमरिन हकीमिंव व युबरम 0

अन तकशिफा अन्ना मिनल बलाइ वल बलवाई मा नअलमु वमाला नअलम वमा अन्ता बिही अअलम 0 

इन्नका अन्तल अअज़्ज़ुल अकरम 0 

वसल्ललाहो तआला अला सय्यिदिना मुहम्मदिव व अला आलिही व सहबिहीँ व सल्लम 0 

वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल  आलमीन 0  

 

 

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